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स्तुति चिरजा, karnimata

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 स्तुति :एक



किनियॉण जाण  दास मों निभाण कीजिए |टैर|

दैशाण री धिराण मों सिर पाण दीजिए||

दिपन्त भाण आसमाण ज्यॅू दैशाण में |

बिराजमाण थाण युॅ हमेश रिझीये ||१.


कलिकाळ की कराळ चाळ बाळ ने भ्रमें |

विशाल विर्द भाल मॉं संम्भाल कीजिये||२


महान् आपके समान कुण जहान् में |

सिर हाथ देय मात मों सनात कीजिये || ३.


अपणैश तो विशैष उर हमैश धारणी |

नयन्न नैह न्हाल माॅं निहाळ कीजिए ||४.


बिहॅु जोड़ पाण आण शरणो आपरो लियो |

'जय' दास खास जाण मां परित्राण कीजिये ||५||



🏵️स्तुति :दो 


अरज सुण आप पधारो आज |

सुधारण सेवक जन रा काज ||टैर||


जल डूबत झगड़ूॅं तणी, आरत सुण आवाज |

पय दुहत झट पार लगायी, झगड़ूॅ वाली झाझ ||१

मारण कान्ह महिप मूढ ने, बैग बणी बणराज |

बडपड विरद बिचार बगसियो, रिड़मल मरूधर राज||२

लावण सुत सुरलोक सूॅ, जाय अड़ी जमराज|

कर बीठू पांलै मंढ़ काबा, मैट रीत महाराज ||३

दमक छँटा झट दामिनी, गिरी घटा सिर गाज |

बंधु शैखो बैग बचायो, छाया लोवड़ छाज ||४

विनय तनय 'जय' की सुणो, साॅंसण कुळ सिरताज |

हाथ तिहारे ईश्वरी मो, लोवड़ वाली लाज ||५