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आहड़ सभ्यता & हस्तकला, संभाग

 



🌟आहड़ सभ्यता🌟


जिला – उदयपुर

नदी – आयड़(बेड़च नदी के तट पर)

समय – 1900 ईसा पुर्व से 1200 ईसा पुर्व

काल – ताम्र पाषाण काल

खोजकर्ता – 1953 अक्षय कीर्ति व्यास

उत्खनन कर्ता – 1956 आर. सी. अग्रवाल(रत्नचन्द्र अग्रवाल) तथा एच.डी.(हंसमुख धीरजलाल) सांकलिया।

आहड़ का प्राचीन नाम – ताम्रवती नगरी

10 या 11 शताब्दी में इसे आघाटपुर/आघाट दुर्ग कहते थे।

स्थानीय नाम – धुलकोट


आहड़ सभ्यता की विशेषताएं:

ताम्बे की मुहरें तथा मुद्राएं , एक मुद्रा पर एक ओर त्रिशूल एवं दूसरी और अपोलो अंकित है जिसके हाथ में तीर है तथा पीछे तरकश है।

ताम्बा गलाने की भट्टी मिली है।

यहाँ के निवासी शवों को आभूषणों सहित दफनाते थे।

यह सभ्यता बनास नदी सभ्यता का हिस्सा थी इसलिए इसे बनास संस्कृति भी कहते हैं।


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🌟हस्तकला  -  स्थान


ब्लैक पॉटरी  -  कोटा और सवाई माधोपुर


ब्लू पॉटरी  -  जयपुर


कागजी पॉटरी  -  अलवर


सुनहरी पॉटरी  -  बीकानेर


🌟ताम्रपाषाण कालीन सभ्यताएँ –

–  गणेश्वर (नीम का थाना)


–  आहड़ (उदयपुर)


–  कुराड़ा (नागौर)


–  बालाथल (उदयपुर)


–  ओझियाना (भीलवाड़ा)

–  पूंगल (बीकानेर)


🌟राजस्थान के नवीनतम संभाग

संभाग – सम्मिलित जिले

सीकर  –  सीकर, झुंझुनू, नीम का थाना व चूरू


पाली  –  पाली, जालौर, सांचौर व सिरोही


बांसवाड़ा  –  बांसवाड़ा,

 डूंगरपुर व प्रतापगढ़


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राजस्थान के कुल 10 संभाग


▪️जयपुर👇

 जयपुर, जयपुर(ग्रामीण), दूदू, कोटपुतली-बहरोड़, दौसा, खैरथल-तिजारा, अलवर


▪️सीकर👇

 सीकर, झुंझुनूं, नीम का थाना, चूरू


▪️बीकानेर👇

 बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़


▪️अजमेर👇

 अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक, नागौर, डीडवाना-कुमामन, शाहपुरा।


▪️भरतपुर👇

  भरतपुर, धौलपुर, करोली, डीग, गंगापुर सिटी, सवाईमाधोपुर


▪️कोटा👇

 कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़


▪️जोधपुर👇

  जोधपुर, जोधपुर (ग्रामीण), फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा


▪️पाली👇

  पाली, जालौर, सांचौर, सिरोही


▪️उदयपुर 👇

  उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, सलूम्बर


▪️बाँसवाड़ा 👇

 बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़



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