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स्तुति: श्री करणी माता जी



स्तुति : करणी माता
तर्ज:- होरी - धमाल
करुणानिधि मात नमो ऐ करणी ||टैर||

किनियाँणी करुणा की सागर, बीसभुजा बडपण धरणी |
जनम सुधारण, भव भय हारण, तारण भव सागर तरणी ||

वन्दित विश्व विधि अज विसनू, वैद पुराण सकल बरणी |
मात समान महान दयानिधि, देव नहीं दूजो धरणी ||

सेवक हैत सचैत सदा ही, दु:ख दुविधा दारिद दरणी |
परम कृपालु दया की मूरत, सब अपराध  क्षमा करणी ||

क्युँ मन सोच करे तूँ मूरख, (थाँरे) बैलु बीसभुजा धरणी |
'कर' कहता संकट झट काटत, 'नी' कहता निरभय करणी ||

बडपण विरद सहज वरदाई, शरण चरण नित हित सरणी |
करणी नाय लखे माँ करणी, करणी तो किरपा करणी ||

चरणाम्बुज आश्रित चित चावत, हरसित हिय संकट हरणी |
निज जन कष्ट निवारण कारण, कई कई रूप धारण करणी ||

छिन में छीन लियो सुत जम सूँ, मेटी म्रजात आद बरणी |
साँचो सुरग दुरग दैशाणो, धणियप धार रच्यो धरणी ||

दीन दयाल दास हितकारी, महिमा कीरत मन हरणी |
जीवन धन सरवस शिशु जय के, केवल नाम करणी ||

jai ma karni, jai mata ji 
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