।। दोहा ।।
पाक फौज छल कपट से, हमलो कियो तनोट ।
तन्नोट मात अविलम्ब, करी फौज की ओट।।
निष्क्रय हुए अपार बम, मरे पाँच सो ज्वान ।
फाक फौज भागी तुरत, बाँन्ध गाँठ अपमान।।
कृपा मात तर्नोटरी, लख फौजी हरसाय ।
फौज पुजारी रख दिया, पूजन तनोट राय ।।
अखण्ड जोत निशदिन रह, नित्य आरती होय ।
पुजै मात तनोर्टरी, दुखी नयन जल खोय ।।
चहुँ दिशि यश फैला हुआ, जग में तनोट राय ।
अगणित आवैं यातरी, मन वांछित फल पाँय।।
जोत भोग वेतन सभी रख रखाव व्यय भार ।
सेना देश उठा रही, मान देवि उपकार ।।
तुझसी देवि तनोटरी, औरन दीखै न कोय ।
फौज अमित विशवास से, नित्य पूजती तोय।
खण्डित कर घण्टालिणी, चाही सड़क उड़ान ।
तहाँ अरी सड़क न मुली, खुद कट मरे जवान ।।
चमत्कार घंटालि से, खुली शत्रु की आखँ ।
फौज पलायन कर गई, जाती ठहरी पाक।।
हिन्द फौज हर्षित हुई, बढ़ी-चहूंँ दिशि साख।
नित्य करैं सेवा तभी, फौज पुजारी राख।।