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हिंगलाज महिमा

     



                     दोहा 

दीन दुखी आवैं सदा , हिंगलाज दरबार ।

जगदम्बा सबकी सुनैं , करैं भक्त उद्धार ।।कर रक्षा हिंगलाज मां, रखती सेवक लाज।जो दुखिया आवैं शरण, करती अम्बा काज।।सेवकगण निर्भर रहैं, तय बलबूते मात।विपद पड़े रक्षा करे,क्षण न लगावे मात ।।निसन्तान दरबार में , आ पाते सन्तान ।कर पूरी मन कामना , रखती उनका मान।।जन हितकारी अम्ब तू, जग जाहिर तव नाम।पार लगाती भक्त के ,अर के सारे काम।।हिंगलाज तत्पर रहै ,सनने करूण पुकार।दीन दुखी के दुख हरै, देकर सदा दुलार ।।अत्याचार अनीति से ,होवै हा हा कार ।तुरत मात हिंगलाज ले , जन हित में अवतार ।।दनुज दुष्ट संहार कर हर वसुधा का भार।हिंगलाज सब कर अभय , जावै पुन: सिधार ।।भीम लोचन भैर वाह ,पुजै पुन: सिधार।अति प्रिय मां का लाडला ,करै भक्त हित काज।।हिंगलाज वरदायनी, महिमा अपरम्पार ।शेषनाग नहिकह सकें, जाके जीभ हजा़र ।।हिंगलाज जग पालती ,हरती विपद कलेश।बैठ पाक मत भूलना , अपना भारत देश ।।







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हिंगलाज महिमा हिंगलाज महिमा Reviewed by team 🥎 on August 04, 2019 Rating: 5
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