¦¦दोहा¦¦
धरा माड धरती धिनो,धिन धिन चाळक ग्राम | धिन म्हांदा काछैल कुल, धिनु पितु मामड़ धाम ।।
सातू बहिना संग में, शौभित बीच विवाण |
पितु मामड़ घर प्रगटियां, काछैला कुळ भाण||
छंद: त्रौटक
जय मां जय श्री खोड़ियाल नमौ |
शिशु सैवक सर्जनहार नमौ ||
भव के भय भंजन हार नमौ |
जय आद उमा अवतार नमौ ||1
उगता कुल चारण भाण नमौ |
सुर सन्तन की परित्राण नमौ ||
कर शौभित शूळ कृपाण नमौ |
तिहुँ लौक धणी सुरराण नमौं ||2
बहिना सह शौभित साथ नमौ |
सुमरै सब सैवक प्रात: नमौ ||
जय विश्व वंधै जगमात नमौ |
रजनी शशि कान्ति सुगात नमौ||3
नित ही जग की प्रतिपाल नमौ |
धिरियाणिय धाबलवालनमौ ||
संग वाहण ग्राह विशाल नमौ |
धिन मात थनैं खोड़ियाळ नमौ||4
वरदायक माड सुभोम नमौ |
धिन सांसण चाळक ग्राम नमौ ||
पितु मामड़ पावन धाम नमौ |
छबि छाजत नैन विराम नमौ||5
जय मामड़ जा महमाय नमौ |
शरणागत की सुखदाय नमौ||
शिशु शीश रखावण छाय नमौ|
मृदु लौचनि श्री महमाय नमौ ||6
जग व्याधि निवारण हार नमौ |
सुर सन्तन की हितकार नमौ||
अविलम्ब दया उर धार नमौ|
बरसे द्दग पावन प्यार नमौ||7
विधना कृत मैटण लैख नमौ |
धर तूझ प्रावाड़ अनैक नमौ ||
पद पंकज पावन प्यार नमौ |
गुण गावत सारद शैष नमौ ||8
निज दास बधावण बंश नमौ|
भगता मन मानस हंस नमौ ||
नित वेद पुराण प्रसंस नमौ |
जग जीव उपावण अंश नमौ ||9
जगदम्ब दया कि दराज नमौ |
शिशु सेवक राखण लाज नमौ||
सब दैविन के सिरताज नमौ|
सुर सन्त सुधारण काज नमौ ||10
जग की इक पालन हार नमौ|
तरणी भव तारण वार नमौ ||
जय पें किरपा अति धार नमो |
चरणाम्बुज की बलिहार नमौ||11