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करणी-स्तवन






🔱 करणी-स्तवन 🔱

जय जय भवानी अम्बिके करनी तुम्हारी शरण हम |

बहुत   सोये   गाढ़  निद्रा, चाहते  जागरन   हम |

स्वातंत्र्य की तू महासागर , तेरे ही हैं निर्झरण हम ||१||

                                   जय जय भवानी.....


क्षात्र बल का उद्धरण तैंने किया, अनुसरण हम |

परमार्थ में बलिदान अपना, कर सिखा दें मरण हम ||२||

                                      जय जय भवानी.....


संतान सच्चे अभय हों, तेरे ही तारण-तरण हम |

सामर्थ्य दो मॉं कर सकें, यह सिद्ध चारण वरण हम ||३||

                                   जय जय भवानी.....


वाहन तुम्हारा 'केहरी', वर मॉंगता अशरण-शरण |

हे असुर -मर्दिनी ! चण्डिके! भूलें न तेरे चरण हम ||४||


जय जय भवानी अम्बिके करनी तुम्हारी शरण हम |

ठा. केसरीसिंह (कोटा)

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