🔱 करणी-स्तवन 🔱
जय जय भवानी अम्बिके करनी तुम्हारी शरण हम |
बहुत सोये गाढ़ निद्रा, चाहते जागरन हम |
स्वातंत्र्य की तू महासागर , तेरे ही हैं निर्झरण हम ||१||
जय जय भवानी.....
क्षात्र बल का उद्धरण तैंने किया, अनुसरण हम |
परमार्थ में बलिदान अपना, कर सिखा दें मरण हम ||२||
जय जय भवानी.....
संतान सच्चे अभय हों, तेरे ही तारण-तरण हम |
सामर्थ्य दो मॉं कर सकें, यह सिद्ध चारण वरण हम ||३||
जय जय भवानी.....
वाहन तुम्हारा 'केहरी', वर मॉंगता अशरण-शरण |
हे असुर -मर्दिनी ! चण्डिके! भूलें न तेरे चरण हम ||४||
जय जय भवानी अम्बिके करनी तुम्हारी शरण हम |
ठा. केसरीसिंह (कोटा)
करणी-स्तवन
Reviewed by team 🥎
on
September 27, 2022
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