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तुलसी माता की उपयोगिता

तुलसी माता 

 
जय माँ तुलसी 

हमारे आस-पास पाए जाने वाले पौधों में सबसे उपयोगी एवं गुणकारी पौधा है, तुलसी. एक से तीन फुट ऊँचा यह पौधा अपने गुणो के कारण सबसे ऊचा माना जाता है. इसके सात से आठ प्रकार होते है जिनमें कृष्णा तुलसी जिसकी पत्तियाँ कुछ बगनी रंग की होती है और दूसरी प्रजाति है तुलसी जिसकी पत्तियाँ हरी होती है, यह माना जाता है  हरि. तुलसी का महत्व हमारे वेद, पुराण एवं आयुर्वेद में भी विर्णित है. घर में तुलसी का होना शुभ, पवित्र एवं लाभदायक माना जाता रहा है.


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भारतीय संस्कृति में तुलसी पूजन का एक अलग ही महत्व है क्योंकि तु लसी को माता के रूप में देखा जाता रहा हैजो पोषण करती है. धािमकर् मानयताओं के साथ-साथ तु लसी के अनेक औषधीय गु ण है जैसे प्रतिदिन ४ से ६ तु लसी के पत्तियां को पीस कर उनका सेवन करने से शरीर की रोगप्रितरोधक क्षमता (इम्युनिटी पॉवर) बढ़ती है. सर्दी, खाँसी, जुकाम जैसी सामास्याओं को तुलसी के पत्ते का प्रतिदिन सेवन करने से; जैसे उसकी चाय या काढ़ा बनाकर पीने से जड़ से मिटा सकते है श्वास और सांस संबंधित समस्याओं में और मानिसक तनाव को कम करने के लिए भी तुलसी एक महत्वपूर्ण औषधि है|
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