सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

श्री खोड़ियाळ वन्दना

।। आई श्री खोड़ियार वन्दना ।।
     

।।दोहा-सोरठा ।।

घरा माड धरती धिनो,धिन धिन चाळक ग्राम ।
धिन म्हांदा काछैल कुल, धिनु पितु मामड़ धाम ।।

सातू बहिना संग में, शौभित बीच विवाण ।
पितु मामड़ घर प्रगटियां, काछैला कुळ भाण।।

संवत आठ सौं आठ शुभ चैत नवम् शनीवार ।
माड धरा मामड़ घरे माँ ,आप लियो अवतार।।

आई जद अवतरीह भार उतारण भौम रो ।
छबी तिण दिवसरीह, बरणी न आवै वैद सूँ ।।

वाम कर त्रिशूल ब्राजे, वाहण ग्राह विशाल ।
अनुपम शौभा आपरी , खमां घणि खोड़ियाळ।।

बढ़ायो विरद विचार, बंश सूरज रो बीसहथ ।
लंगरी आइ लार, राबचा सुँ राजेशरी।।

सेवक करण सनात,हाथ धरो सिर ऊपरे ।
बंश बधाली मात, वन्दू थाँने बीसहथ।।

प्राचि दिशा परभात, ऊगे अरक अवश्य ही ।
(इम)बंश बधाली मात, अटल भरोसों आपरो।।

आवे होय अधीर, बाळकियां हित बाहरू।
सुख में राखे सीर, काछैली करूणानिधे ।।

संकट मांही सांकड़ी, रहे दास रें साथ।
लाख रंग माँ लंगरी, बंश बधाली मात।।

जय माँ खोड़ियाळ 

© 2024 Karnipatrika

Workwith us Advertise With us.

आप अपना सुझाव हमें अवश्य भेजें, Karnipatrika@mail.com