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माँ सरस्वती वंदना छंद

सरस्वती वंदना जैन मुनि दयासुरि जी विरचित
      छंद सारसी

बुधि विमल करणी, विबुध वारणी,रूप रमणी, निरखई|
वर दियण बाला, पद प्रवाला,
मंत्र माला हरखई|
थिर थान थंभा, अति अचंभा, रूप रंभा, भलकती|
जय जय भवानी, जगत जाणी, राज राणी , सुरसती||१
सुरराज सेवित, देख  देवत, पदम पेखत आसणं|
सुख दाय सुरत, मात मूरत, दोख दुरित, नासणं|
त्रिहु लोक तारण,विघन वारण, धरा धारण धरपति|
जय जय भवानी , जगत जांणी, राज रांणी, सुरसती||२
कंटकां कोपती, लाख लोपती, अवनी ओपती, ईस्वरी|
संतां सुधारण, विघन वारण,मदन मारण तूं खरी|
खल़ दलां खंडण , छिद्र छंडण,दुष्ट दंडण, नरपति|
जय जय भवानी, जगत जाणी, राज रांणी, सरसती||३
शिव सगत सांची, रंग राची,अज अजाची,जोगणी|
मद झरत मत्ता, तरूण तत्ता,धत्त धत्ता ,योगिनी|
जीहां जपंती, मन रमंती, घवल़दंती,वरसती|
जय जय भवानी, जगत जांणी राज रांणी,सरसती||४
झणणाट झालर, धुधुमि धुप धरि,रीरीरी रव वर बज्जए|
ध ध ध्रों कि ध्रिगुदां,घघकी धिरदां,थथकि थीगुदां,गज्जए|
द्रां द्रां की द्रां द्रा,रूरुमि द्रां द्रां,ततकि त्रां त्रां, दमकती|
जय जय भवानी, जगत जांणी ,राज रांणी, सरसती||५

रिम रमक रम रम, झमकि झम झम, ठिमकि ठम ठम, नच्चए|
घम घमकि घम घम, गणकि गम गम, अति अगम नृत जच्चए|
तत थैय तत्ता, मान मत्ता, अचल आनन दरसती|
जय जय भवानी, जगत जांणी, राज रांणी, सरसती||६

जल़ थलां जांणी, पवन पांणी,वन वखाणी, वीजळी|
गिरवरां गाहण, वाघ वाहण, सरप साहण,सीतल़ी|
हद हाक थारी, हथ हजारी, धनुष धारी, भगवती|
जय जय भवानी, जगत जाणी ,राज राणी सुरसती||७
कर चक्र चालण, गर्व गाल़ण, झटक झालण ,गंजणी|
विरुदांवधारण,महिख मारण,दुक्ख दारुण भंजणी|
चरचियै चंडी, खल़ां खंडी,मुदित मंडी, मुल़कती|
जय जय भवानी, जगत जांणी, राज रांणी,सरसती||८
, कवि करै अष्टक , काट कष्टक, पिसण पष्टक, कीजईं|
मणिमौलि मंडित, पढहि पंडित,आई अखंडित,दीजई|
"दयासुरि" देवी,सुरां सेवी, नित नमेवी, जगपति|
भजिये भवानी, जगत जाणी, राज राणी सरसती

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