छंद सारसी बुधि विमल करणी, विबुध वारणी,रूप रमणी, निरखई| वर दियण बाला, पद प्रवाला, मंत्र माला हरखई| थिर थान थंभा, अति अचंभा, रूप रंभा, भलकती| जय जय भवानी, जगत जाणी, राज राणी , सुरसती||१
सुरराज सेवित, देख देवत, पदम पेखत आसणं| सुख दाय सुरत, मात मूरत, दोख दुरित, नासणं| त्रिहु लोक तारण,विघन वारण, धरा धारण धरपति| जय जय भवानी , जगत जांणी, राज रांणी, सुरसती||२
शिव सगत सांची, रंग राची,अज अजाची,जोगणी| मद झरत मत्ता, तरूण तत्ता,धत्त धत्ता ,योगिनी| जीहां जपंती, मन रमंती, घवल़दंती,वरसती| जय जय भवानी, जगत जांणी राज रांणी,सरसती||४
झणणाट झालर, धुधुमि धुप धरि,रीरीरी रव वर बज्जए| ध ध ध्रों कि ध्रिगुदां,घघकी धिरदां,थथकि थीगुदां,गज्जए| द्रां द्रां की द्रां द्रा,रूरुमि द्रां द्रां,ततकि त्रां त्रां, दमकती| जय जय भवानी, जगत जांणी ,राज रांणी, सरसती||५
रिम रमक रम रम, झमकि झम झम, ठिमकि ठम ठम, नच्चए| घम घमकि घम घम, गणकि गम गम, अति अगम नृत जच्चए| तत थैय तत्ता, मान मत्ता, अचल आनन दरसती| जय जय भवानी, जगत जांणी, राज रांणी, सरसती||६
जल़ थलां जांणी, पवन पांणी,वन वखाणी, वीजळी| गिरवरां गाहण, वाघ वाहण, सरप साहण,सीतल़ी| हद हाक थारी, हथ हजारी, धनुष धारी, भगवती| जय जय भवानी, जगत जाणी ,राज राणी सुरसती||७
कर चक्र चालण, गर्व गाल़ण, झटक झालण ,गंजणी| विरुदांवधारण,महिख मारण,दुक्ख दारुण भंजणी| चरचियै चंडी, खल़ां खंडी,मुदित मंडी, मुल़कती| जय जय भवानी, जगत जांणी, राज रांणी,सरसती||८
, कवि करै अष्टक , काट कष्टक, पिसण पष्टक, कीजईं| मणिमौलि मंडित, पढहि पंडित,आई अखंडित,दीजई| "दयासुरि" देवी,सुरां सेवी, नित नमेवी, जगपति| भजिये भवानी, जगत जाणी, राज राणी सरसती