देवियांण Deviyan देवियाण

                           देवियांन

|| अथ ग्रंथ देवियांण || =============================== [ छन्द अटल ] 
करता हरता ‌श्री ह्यींकारी, काली कालरयण कोमारी; 
ससि सेखरा सिधेसर नारी , जग नीमवण जयो बडधारी||1|| 

धवा धवळगर धव धू धवळा, क्रसना कुबजा कचत्री कमळा;
 चलाचला चामुन्डा चपला, विकटाविकट भू बाला 
विमला||2||

 सुभगा सिवा जया श्री अम्बा , परिया परंपार पालंबा ;
 पिसाचणि साकणि प्रतिबंबा, अथ आराधिजे अवलंबा||3|| 

सं कालिका सारदा समया, त्रिपुरा तारणि तारा त्रनया; ओहं सोहं अखया अभया, आई अजया विजया उमया||4||

 >>>>>>>>>>>>>>><<<<<<<<<<<<<<<<< *** छन्द भुजंगी ***
 देवी उम्मया खम्मया ईसनारी , देवी धारणी मुंड त्रिभुवन्न धारी; देवी सब्बदां रूप ॐ रूप सीमा , देवी वेद पारख्ख धरणी ब्रहम्मा ||1||

 देवी कालिका मां नमो भद्रकाली , देवी लाघवं चारिताली; देवी दानवां काळ सुरपाळ देवी, देवी साधकं चारण सिधं सेवी||2||

 देवी जख्खणी भख्खणी देव जोगी , देवी निर्मला भोज भोगी निरोगी; देवी मात जानेसूरी ब्रत्र मेहा, देवी देव चामुन्ड संख्याति देहा||3||

 देवी भंजणी दैत सेना समेता , देवी नेतना तप्पना जया नेता ; देवी कालिका कूबजा कामकामा , देवी रेणुका सम्मला राम रामा ||4||

 देवी मालणी जोगणी मत मेधा , देवी वेधणी सुर असुरां उवेधा; देवी काम ही लोचना हाम कामा , देवी वासनी मेर माहेस वामा ||5||

 देवी भूतड़ा अम्मरी वीस भूजा , देवी त्रिपुरा भैरवी रूप तूजा ; देवी राखसं धोम रे रक्त रूती , देवी दुज्र्जटा विकट्टा जम्मदूती ||6||

 देवी गौरी रूपां अखां नव्व निद्धि, देवी सक्कळा अक्कळा स्रव सिद्धि; देवी व्रज्ज विमोहणी वोम वांणी , देवी तोतला गूंगला कतियांणी ||7|| 

देवी चंद्रघंटा महम्माया चण्डी , देवी वीहळा अन्नला वड्ड वड्डी; देवी जम्मघंटा वदीजे जडंबा , देवी साकणी डाकणी रूढ सब्बा ||8||

 देवी कटकां हाकणी वीर कंवरी , देवी मात वागेसरी महागवरी; देवी दंडणी देव वैरी उदंडा,देवी वज्जया जया दैतां विखंडा ||9||

 देवी खेचरी भूचरी भद्रखेमा , देवी पद्माणी सोभणी कलह प्रेमा ; देवी जम्मणी मख्ख आहूती ज्वाला , देवी वाहनी मंत्र लीला विसाला ||10||

 देवी मंगला वीजळा रूप मध्धे , देवी अब्बळा सब्बळा वोम अध्धे; देवी स्रग्ग सूं उतरी सिव माथे , देवी सगर सुत हेत भगिरथ्थ साथे ||11||

 देवी हारणी पाप श्री हरि रूपा , देवी पावनी पतितां तीर्थ भूपा ; देवी पुण्य रूपं देवी प्रम्म रूपं , देवी क्रम्म रूपं देवी ध्रम्म रूपं ||12||

 देवी नीर देख्यां अघं ओघ नासे , देवी आतमानंद हीये हुलासे ; देवी देवता स्रब्ब तूं मां निवासे , देवी सेवते शिव सारूप भासे ||13||

 देवी नाम भागीरथी नाम गंगा , देवी गंडकी गोगरा रामगंगा; देवी सर्सती जम्मना सरी सिद्धा, देवी त्रिवेणी त्रिस्थली ताप रूद्धा ||14||

 देवी सिन्धु गोदावरी मही संगा , देवी दोमती धम्मला बाणगंगा; देवी नर्मदा सारजू सदा नीरा , देवी गल्लका तुंगभद्रा गंभीरा ||15|| 

देवी कावेरी तापि क्रस्ना कपीला , देवी सोण सतलज्ज भीमा सुसीला ; देवी गोम गंगा , देवी वोम गंगा , देवी गुप्त गंगा , देवी गुप्त गंगा सुची रूप अंगा ||16||

 देवी नीझरण नवे सो नदी नाळा, देवी तोय ते तवां रूप तुहाळा; देवी मथुरा माइया मोक्षदाता , देवी अवंती अजोध्या अघ्घहाता||17||

 देवी कहां द्वारामति कांचि कासी , देवी सातपुरी परम्मा निवासी ; देवी रंग रंगे रमे आप रूपे , देवी घृत नैवेद ले दीप धूपे ||18||

 देवी रग्त बंबाल गळमाळ रूंडा , देवी मूढ पाहारणी चंड मुंडा ; देवी भाव स्वादे हसंते वकत्रे , देणी पाणपाणां पिये मद्य पत्रे ||19||

 देवी सहस्त्रं लखं कोटीक साथे , देवी मंडणी जुद्ध मैखास माथे; देवी चापड़े चंड नै मुंड चीना, देवी देव द्रोही दुहु धम्मी दीना ||20||

 देवी धूमलोचन हूंकार धोंस्यो , देवी जाडबा में रक्तबीज सोस्यो ; देवी मोडीयो माथ निसुंभ मोड़े , देवी फोड़ियो सुंभ जी कुंभ फोड़े ||21||

 देवी सुंभ निसुंभ दर्पांध छळिया, देवी देव स्रग थापिया दैत दळिया; देवी संघ सुरां तणा काज सीधा, देवी क्रोड़ तेतीस उच्छाब कीधा ||22||

 देवी गाजता दैच ता वंस गमिया , देवी नवे खंड त्रिभुवन तुझ नमिया; देवी वन्न में समाधी सुरथ ब्रन्नी , देवी पूजते आसपूर्णा प्रसन्नी ||23||

 देवी वैस सूरथ्थ रा दीह वळिया , देवी तवन तोरा कियां सोक टळिया; देवी मारकंडे महा पाठ बांध्यो, देवी लगो तव पाय नो पार लाध्यो ||24||

 देवी सप्तमी अष्टमी नोम नूजा , देवी चौथ चौदस्स पूनम्म पूजा; देवी सर्सती लख्खमी महाकाळी , देवी कत्र विस्नु ब्रहम्मा कपाली ||25||

 देवी रग्त नीलंमणी सीत रंगं , देवी रूप अंबार विरूप अंगं ; देवी बाल युवा वृधं बेस वाळी, देवी विस्व रखवाळ बीसां भुजाळी ||26||

 देवी वैस्णवी महेसी ब्रहम्माणी, देवी इन्द्रांणी चंद्रांणा रत्रा रांणी; देवी नारसिंघी वराही विख्याता, देवी इला आधार आसूर हाता ||27||

 देवी कौमारी चामुण्डा विजैकारी, देनी कुबेरी भैरवी क्षेमकारी ; देवी मृगेसं व्रख्ख हस्ती मइखे , देवी पंख केकी गरूड़ धिरट पंखे ||28||

 देवी रथ्थ रेवंत सारंग राजे, देवी वीमाणं पालखी पीठ व्राजे; देवी प्रेत आरूढ आरूढ पद्मं , देवी सागरं सुमेरू गूढ सद्मं ||29||

 देवी वाहनं नाम कै वप्पवाळी , देवी खग्ग सूळंधरा खप्परवाळी; देवी कोप रे रूप माता में काळजेता, देवी कृपा रे रूप माता जणेता||30|| 

देवी जग्त कर्तार भर्ता संहरता , देवी चराचर जग्ग सब में विचरता ; देवी चार धामं स्थंल अष्ट साठे , देवी पाविये एक सौ पीठ आठे||31|| 

देवी माई हिंगोल पच्छम्म माता , देवी देव देवाधि वरदान दीता ; देवी गंद्रपावास अर्बद्द ग्रामे , देवी थाण उडीयांण समसाँण ठामे|| 32||

 दवी गढो कोढे गरत्रार गोखे , देवी सिंधु वेळा सवालाख सोखे ; देवी कामरू पीठ अघ्घोर कूंड़े , देवी खंखरे द्रुमे कस्मेर खंडे ||33||

 देवी उतरा जोगणी पर उजेणी , देवी भाल भरूअच्च भजनेरी भेणी ; देवी देव जालंधरी सप्त दीपे , देवी कंदरे सरवरे वाव कूपे ||34||

 देवी मेटळीमाळ घूमे गरब्बे , देवा काछ कत्रोज आसांम अम्बे ; देवी सब्ब खंडे रसा गिरिश्रृंगे , देवी बंकड़े दुर्गमे ठाँ विहंगे ||35|| 

देवी वम्मरे डूंगरे रत्र वत्रे , देवी थूँबड़े लींबड़े थत्र थत्रे ; देवी झंगरे चाचरे झब्ब झब्बे , देवी अंबरे अंतरीखे अलंबे ||36||

 देवी निरझरे तरवरे नगे नेसे , देवी दिसे अवदिसे देसे विदेसे ; देवी सागरं बेटड़े आप संगे , देवी देहरे घरे देवी दुरंगे ||37||

 देवी सागरं सीप में अमी श्रावी , देवी पीठ तव कोटि पच्चास पावे ; देवी वेलसा रूप सामंद वाजे , देवी बादळां रूप गैणाग गाजे ||38||

 देवी मंगला रूप तू ज्वाळमाळा , देवी कंठळा रूप तूं मेघ काळा; देवी अत्रलं रूप आकास भस्मे , देवी मांनवा रूप मृतलोक रम्मे ||39||

 देवी पत्रागां रूप पाताळ पेसे , देवी देवता रूप तूं स्रग्ग देसे ; देवी प्रम्म रे रूप पिंड पिंड पीणी , देवी सून रे रूप ब्रह्मांड लीणी ||40||

 देवी आतमा रूप काया चलावे , देवी काया रे रूप आतम खिलावे; देवी रूप वासन्त रे वन्न राजे , देवी आग रे रूप तूं वन्न दाझे ||41|| 

देवी नीर रे रूप तूं आग ठारे , देवी तेज रे रूप तूं नीर हारे ; देवी ज्ञान रे रूप तूं जग्त व्यापी , देवी जग्त रे रूप तूं धर्म थापी||42||

 देवी धर्म रे रूप शिव शक्ति जाया , देवी शिव शक्ति रूपे सत माया ; देवी सत रे रूप तूं सेस मांही , देवी सेस रे रूप लिर धरा साही ||43||

 देवी धरा रे रूप खम्मया कहावे , देवी खम्मया रूप तूं काळ खावे ; देवी काळ रे रूप उदंड वाये , देवी वायु जळ रूप कल्पांत थाये ||44||

 देवी कल्प रे रूप कल्पांत दीपे, देवी विस्नु रे रूप कल्पांत जीपे ; देवी नींद रे रूप चख विसन रूढी , देवी विसन रे रूप तूं नाभ पूढ़ी ||45||

 देवी नाभ रे कमळ ब्रह्मा निपाया , देवी ब्रह्मा रे रूप मधुकीट जाया ; देवी रूप मधुकीट ब्रह्मा डराये , देवी ब्रह्म रे रूप विस्नु जगाये ||46||

 देवी विस्नु रे रूप जंघा वधारे , देवी मुकुंद रे रूप मधुकीट मारे ; देवी सावित्री गायत्री प्रम्म ब्रह्मा , देवी साच तण मेलिया जोग सम्मा ||47|| 

देवी सूनी रे दूध तें खीर रांधी , देवी मारकंड रूप तें भ्रांत बांधी ; देवी मंत्र मूलं देवी बीज बाला , देवी बापणी स्रब्ब लीला विसाला ||48|| 

देवी आद अत्राद ओंकार वाणी , देवी हेक हंकार हींकार जाणी ; देवी आप ही आप आपां उपाया , देवी जोग निद्रा भवं तीन जाया ||49||

 देवी मत्रछा माईया जग्ग माता , देवी ब्रह्मा गोविन्द संभु विधीता; देवी सिद्धि रे रूप नव नाथ लाथे , देवी रिद्ध् रे रूप धनराज हाथे ||50||

 देवी वेद रे रूप तूं ब्रह्मा वांणी , देवी जोग रे रूप मच्छंद्र जाणी ; देवी दान रे रूप बळराव दीधी, देवी सत रे रूप हरचंद सीधी ||51||

 देवी रढ्ढ़ रे रूप दलकंध रूठी, देवी सील रे रूप सौमित्र त्रूठी; देवी सारदा रूप पींगळ प्रसनीं , देवी माण रे रूप दुर्डोण मत्री ||52||

 देवी गदा रे रूप भुज भीम सोई , देवी साच रे रूप जुहिठल्ल ध्याई; देवी कुन्ती रूप तें कर्ण कीधा , देवी सासत्रां रूप सैदेव सीधा ||53|| 

देवी बाण रे रूप अर्जुण बन्नी , देवी द्रौपदी रूप पांचां पतनीं ; देवी पांच ही पाँडवाँ परे त्रूठी , देवी पांडवी कौरवां परे रूठी||54||

 देवी पांडवां कौरवां रूप बांधा , देवी कौरवां भीम रे रूप खाधा ; देवी अर्जुणं रूप जैद्रथ्थ मार्यो , देवी जैद्रथ्थं रूप सौभद्र टार्यो ||55||


 देवी रेणुका रूप तें राम जाय , देवी राम रे रूप खत्री खपाया ; देवी खत्रियां रूप दुजराम जीता , देवी रूप दुजराम रे रग्त पीता ||56||

 देवी रग्त रे रूप तूं जग्त जाता, देवी जोगणी रूप तूं जग्त माता; देवी मात रे रूप तूं अमी श्रावे, देवी बाळ रे रूप तूं खीर धावे ||57||

 देवी जस्सुदा रूप कानं दुलारे , देवी कान रे रूप तू कंस मारे; देवी चामुण्डा रूप खेतल हुलावे , देवी खेतला रूप नारी खिलावे ||58||

 देवी नारि रे रूप पुरसां धुतारी, देवी पुरसाँ रूप नारी पियारी; देवी रोहणी रूप तूं सोम भावे , देवी सोम रे रूप तूं सुधा श्रावे ||59||

 देवी रूकमणी रूप तूं कान सोहे , देवी कान रे रूप तूं गोपि मोहे ; देवी सीत रे रूप तूं राम साथे , देवी राम रे रूप तूं भग्त हाथे ||60||

 देवी सावित्री रूप ब्रह्मा सोहणी , देवी ब्रह्मा रे रूप तूं निगम वाणी ; देवी गोरजा रूप तूं रूद्र राता , देवी रूद्र रे रूप तूं जोग धाता ||61||

 देवी जोग रे रूपवगोरख्ख जागे , देवी गोरखां रूप माया न लागे ; देवी माइया रूप तें विस्नु बांधा , देवी विस्नु रे रूप तें दैत खाधा ||62||


 देवी दैत रे रूप तें देव ग्रहिया , देवी देव रे रूप के दनुज दहिया ; देवी मच्छ रे रूप तूं संख मारी , देवी संखवा रूप तूं वेद हारी ||63||


 देवी वेद सुधवार रूप करया, देवी चारणां वेद ते वार पाया ; देवी लख्खमी रूप तें भेद दीधा , देवी राम रे रूप तें रतन लीधा||64||

 देवी ददसरथं रूप श्रवणं विडारी , देवी श्रव्वणं रूप पितु मात तारी ; देवी केकयी रूप तें कूड़ कीधा , देवी राम रे रूप वनवाल लीधा ||65||

 देवी नृग रे रूप तें सीत मोई , देवी राम रे रूप पाराध होई ; देवी बाण रे रूप मारीच मारी , देवी मार मारीच लखणं पुकारी ||66||

 देवी लख्खणं राम पीछे पठाई , देवी रावणं रूप सीता हराई; देवी सक्रारी रूप हनमंत ढाळी, देवी रूप हनमंत लंका प्रजाली ||67|| 

देवी सांग रे रूप लखणं विभाड़े , देवी लख्खणं रूप घननाद पाड़े ; देवी खगेसं रूप तें नाग खाधा , देवी नाग रे रूप तें हरसेन बांधा ||68||

 देवी छकारा रूप तें राम छळिया , देवी राम रे रूप दसकंध दळिया ; देवी कान रे रूप गिरि नख्ख चाडे , देवी नख्ख रे रूप ह्रणकंस फाडे ||69||


 देवी नाहरं रूप ह्रणकंस खाया , देवी रूप ह्रणकंस इन्द्रं हराया ; देवी इंद्र रे रूप तूं जग्ग तूठी, देवी जग्ग रे रूप तूं अन्न वूठी ||70|| 


देवी रूप हैग्रीव रे निगम सूस्या , देवी हैग्रीव रूप हैग्रीव धूंस्या; देवी राहु रे रूप तें अमी हरिया , देवी विस्नु रे रूप तें चक्र फरिया ||72||

 देवी संकरं रूप त्रीपूर वींधा , देवी त्रीपुरं रूप त्रीपुर लीधा; देवी ग्राह रे रूप तें गज्ज ग्राया , देवी गज्ज गोविन्द रूपे छुड़ाया ||७२||

 देवी दधीची रूप तें हाड दीधो , देवी हाड रो तख्ख तें वज्र कीधो ; देवी वज्र रे रूप तें व्रत्र नाश्यो,देवी वज्र रे रूप तें शक्र त्राश्यो ।।७३।। 

देवी नारदं रूप तें प्रश्न नाख्या , देवी हंस रे रूप तत ज्ञान भाख्या ; देवी ज्ञान रे रूप तूं गहन गीता , देवी कृष्ण रे रूप गीता कथीता ।।७४।।


 देवी बालमीक ब्सास रूपे तूं कृतं , देवी रामायण पुराणों भागवतं; देवी काबा रे रूप तूं पाथ लूंटे , देवी पाथ रे रूप भाराथ जुटे ।।७५।।

 देवी रूप अंधेरवरेवसूर गंजे , देवी सूरजं रूप अंधेर भंजे ; देवी मैख रे रूप देवां डरावै , देवी देवता रूप तूं मैख खावै ।।७६।।

 देवी तीर्थ रे रूप अघ विसम टारे , देवी ईश्वरं रूप अधमं उधारे ; देवी पौन रे रूप तूं गरूड़ पाडे , देवी गरूड़ रे रूप चत्रभूज चाडे ।।७७।।

 देवी माणसर रूप मुगता निपावे , देवी मराल् रूप मुगता तूं पावे ; देवी वामणं रूप बळराव भाड़े , देवी रूप बळराव मेरू उपाड़े ।।७८।।

 देवी मेरगिर रूप सायर वरोळे , देवी सायरं रूप गिरमेर बोळे ; देवी कूर्म रे रूप तूं मेर पूठी , देवी वाडवा रूप तूं आग ऊठी ।।७९।। 

देवी आग रे रूप सुर असुर डरीया , देवी सरसती रूप तें तेथ धरिया ; देवी घड़ा रे रूप अगसत दीधो , देवी अगस्त रूप सामंद पीधो ।।८०।। 

देवी समुंद्र रे रूप तें हेम ठळिया , देवी पांडवां हेम रे रूप गळिया ; देवी पांडवां रूप तें भ्रांत भांगी , देवी भ्रांत रे रूप तूं राम लगी ।।८१।।

 देवी राम रे रूप तूं भगत तूठी , देवी भगत रे रूप बैकुंठ बूठी ; देवी रूप बैकुंठ परब्रह्मा वासी , देवी रूप परब्रह्मा सबमें निवासी ।।८२।। 

देवी ब्रह्मा तूं विस्नु अज रूद्रराणी , देवी वाण तूं खाण तूं भूत प्राणी ; देवी मन्त्र तूं पवन तूं मोख माया , देवी क्रम्म तूं ध्रम्म तूं जीव काया ।।८३।।

 देवी नाद तूं बिन्दु तूं नव्व निद्धि , देवी सीव तूं सक्ति तूं स्रब्ब सिद्धि ; देवी बापड़ा मानवी कांई बूझे , देवी ताहरा पार तूं हीज सूझे ।।८३।। 

देवी तूंज जांणै गती गहन तोरी , देवी तत रूपं तूंज मोरी ; देवी रोग भव हारणी त्राहि मामं , देवी त्राहि त्राहि देवी त्राहि माम ।।८५।।

 ( देवी बारहट ईसरो बिरदावे , देवी सेवियां स्रब सुख पावे ) सम्पादक. --karnipatrika